Causes or Need of International Payments | अन्तर्राष्ट्रीय भुगतानों की आवश्यकता क्यों और कारण
अन्तर्राष्ट्रीय भुगतानों की आवश्यकता वस्तुओं व सेवाओं के आयात-निर्यात का मूल्य चुकाने, पूँजी के अल्पकालीन एवं दीर्घकालीन हस्तांतरण, आर्थिक सहायता एवं अनुदान एवं आय के हस्तांतरण के कारण होती है । एक देश के क्रेता (आयतकर्ता) विदेशी विक्रेता (निर्यातकों) को भुगतान करते हैं । इस प्रकार अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार एवं अन्य लेन-देनों के कारण ही अन्तर्राष्ट्रीय भुगतानों की आवश्यकता होती है, जिसका संक्षिप्त विवरण अग्रलिखित शीर्षकों के अन्तगर्त किया जा सकता है :-
{ 2 } अदृश्य व्यापार अथवा सेवाओं का क्रय-विक्रय ( Service Transaction ) :- आजकल विभिन्न देशों के बीच वस्तुओं का क्रय-विक्रय ही नहीं वरन विभिन्न सेवाओं, विशेषज्ञों की सेवाओं, बैंकिंग, जहाजरानी, बीमा कम्पनियों अथवा व्यापारिक कम्पनियों की सेवाओं आदि का आदान-प्रदान भी बड़े पैमाने पर होता है । विकसित राष्ट्र पिछड़े राष्ट्रों को तकनीकी शिक्षा, विज्ञान, टेक्नोलॉजी, चिकित्सा आदि क्षेत्रों में विशेषज्ञ सेवाएँ उपलब्ध कराते हैं । इन सेवाओं का भुगतान करने में भी विदेशी भुगतान की आवश्यकता पड़ती है ।
{ 3 } पूँजीगत सौदे ( Capital Transaction ) :- अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर एक देश की पूँजी दूसरे देश में हस्तांतरित होती है । पूँजी का यह हस्तांतरण अल्पकालीन अथवा दीर्घकालीन दोनों प्रकार का होता है । अल्पकालीन पूँजी बॉण्ड, प्रतिभूतियों व जमाओं के रूप में होती है जबकि दीर्घकालीन पूँजी ऋणों, सम्पत्तियों व दीर्घकालीन विनियोग के रूप में हो सकता है । इन पूँजीगत सौदों से अन्तर्राष्ट्रीय भुगतानों की आवश्यकता होती है ।
{ 4 } विविध आपसी लेन-देन ( Other Transaction ) :- आजकल अन्तर्राष्ट्रीय भुगतानों की आवश्यकता विभिन्न राष्ट्रों के मध्य पारस्परिक लेन-देनों के कारण भी होती है, जिनमें निम्न उल्लेखनीय हैं -
{ 5 } विदेशी ऋणों का भुगतान ( External Debts Payments ) :- इसके अन्तगर्त विभिन्न देशों के मध्य ऋणों के लेन-देनों तथा उसके पुनर्भुगतान आदि का समावेश होता है ।
{ 6 } विदेशी सहायता ( Foreign Aid ) :- आजकल विकसित राष्ट्रों द्वारा विकासशील राष्ट्रों को बड़ी मात्रा में अनुदान, ऋण एवं आर्थिक सहायता दी जाती है, उसके कारण अन्तर्राष्ट्रीय भुगतान करने पड़ते हैं ।
{ 7 } विदेशों से लाभांश एवं ब्याज भुगतान ( Dividend & Interest Payments ) :- विभिन्न देशों के निवासियों द्वारा प्रदत्त ऋणों पर ब्याज तथा पूँजी विनियोग पर लाभ दिया एवं लिया जाता है । अतः बहुउद्देश्यीय निगमों और निवासियों को लाभांश एवं ब्याज भुगतान लेन-देन के लिए भी अन्तर्राष्ट्रीय भुगतानों की आवश्यकता होती है ।
{ 8 } दूतावासों पर व्यय ( Expenses on Diplomatic Missions ) :- आजकल प्रायः प्रत्येक देश दूसरे देशों से राजनीतिक सम्बन्ध स्थापित करने के लिए दूतावासों की स्थापना करता है, जिनको संचालित करने में भारी व्यय होता है । इसके लिए अन्तर्राष्ट्रीय भुगतानों की आवश्यकता होती है ।
{ 9 } शिष्टमण्डलों एवं व्यापारिक समझौतों पर व्यय ( Expenses on Delegation & Trade Agreements ) :- आधुनिक युग में व्यापारिक एवं आर्थिक समझौतों तथा सांस्कृतिक एवं राजनीतिक सद्भावना के लिए एक देश से दूसरे देशों को शिष्टमण्डलों के भेजने की प्रवृत्ति निरंतर बढ़ रही है, जिन पर पड़ी मात्रा में व्यय से अन्तर्राष्ट्रीय भुगतानों की आवश्यकता होती है ।
{ 10 } खिलाड़ी दलों व खेलों पर व्यय ( Expenses on Games and Sports Teams ) :- अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित खेलों एवं स्पोर्ट्स प्रतियोगिताओं में एक देश के खिलाड़ी दल दूसरे देशों में आते-जाते हैं, वहाँ उन पर बड़ी मात्रा में व्यय करना पड़ता है, यात्रा तथा अन्य व्यय इतना पड़ता है कि उनमें अन्तर्राष्ट्रीय भुगतानों की आवश्यकता होती है ।
{ 11 } पर्यटकों के व्यय ( Tourist Expenses ) :- बढ़ते पर्यटन उद्योग के कारण तत्सम्बन्धी भारी व्यय के भुगतान हेतु भी अन्तर्राष्ट्रीय भुगतान लेन-देन पड़ते हैं ।
{ 12 } शिक्षा एवं प्रशिक्षण व्यय ( Expenses on Education and Training ) :- आजकल उच्च शिक्षा एवं प्रशिक्षण हेतु एक देश के लोग दूसरे देशों में आते-जाते रहते हैं । उनके यात्रा, रहन-सहन व शिक्षा पर जो व्यय होता है, उनके लिए अन्तर्राष्ट्रीय भुगतान जरूरी होते हैं ।
{ 13 } रॉयल्टी भुगतान ( Payments of Royalties ) :- बहुधा एक देश में निवासी अपने रजिस्टर्ड ट्रेड मार्क तथा कॉपीराइट्स (Copyrights) के प्रयोग अधिकार के बदले अधिकार शुल्क वसूल करते हैं । यह प्रयोग अधिकार प्रायः पदार्थों, दवाइयों, मशीन उपकरणों तथा विशिष्ट लिखित कार्यों के सम्बन्ध में होता है । इसके भुगतान हेतु अन्तर्राष्ट्रीय भुगतानों की आवश्यकता होती है ।
{ 14 } प्रवासियों द्वारा धन भेजना ( Remittance by Immigrants ) :- प्रायः एक देश से दूसरे देश में जाकर बसने वाले व्यक्ति अपने मातृ देश में अपने परिवारों, रिश्तेदारों एवं मित्रों को बड़ी मात्रा में धन भेजते हैं । इसी प्रकार वापस लौटते समय अपनी विदेशी अर्जित आय को अपने साथ लाते हैं । इन सबके लिए अन्तर्राष्ट्रीय भुगतान करने पड़ते हैं ।
{ 15 } क्षतिपूर्ति भुगतान ( Payments of Compensation ) :- प्रायः युद्ध में विजित राष्ट्र हारे हुए राष्ट्रों में बड़ी मात्रा में युद्ध को क्षतिपूर्ति की माँग करते हैं, जैसे जर्मनी से मित्र राष्ट्रों ने हर्जाना वसूल किया । इनके कारण भी अन्तर्राष्ट्रीय भुगतानों की आवश्यकता होती है ।
{ 16 } पुरस्कार भुगतान ( Payments for Prizes ) :- आजकल अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभाओं को पुरस्कृत करने एवंसम्मानित करने की प्रवृत्तियाँ प्रबल हैं, जैसे नोबेल पुरस्कार, नेहरू शान्ति पुरस्कार, अन्तर्राष्ट्रीय खेलों व प्रतियोगिताओं के पुरस्कार । इन सबमें भुगतान लेने-देने पड़ते हैं ।
{ 17 } उपहार, दान एवं संकट सहायता के भुगतान (Gift, Donations and Relief Assistance ) :- अन्तर्राष्ट्रीय सद्भावना के कारण आजकल एक देश के निवासी दूसरे देश के निवासियों को उपहार देते हैं, निर्धनों के उत्थान हेतु दान लेते और देते हैं अथवा प्राकृतिक संकटों के समय बड़ी मात्रा में आर्थिक सहायता भेजते हैं । इनके लिए अन्तर्राष्ट्रीय भुगतानों की आवश्यकता होती है ।
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